Tuesday, August 1, 2017

बुनियादी बातें


कुछ बुनियादी बातें मुझे समझ नहीं आती
कुछ बुनियादी सवालो से मैं अनजाना हूँ

बात तब की है जब में कुछ सवाल सोच रहा था
क्योंकि जवाबो की परवाह नहीं मुझे
जवाब मुझे एक निष्कर्ष पर ले जाते हैं 
जो शायद किसी दृष्टिकोण पर बने हैं

सवाल साधारण था, की भ्रष्ट कौन है
जवाब दहला देने वाला था
जनता, जो सबसे ज्यादा पीड़ित है
वही सबसे ज्यादा भ्रष्ट है

भ्रष्ट होना लोगों को गंवांरा नहीं
परन्तु वही अगर विकार में बदल जाए
तो शायद मनुष्य उसे स्वीकार कर लेता है
लालच से, भय से
या किसी अन्य भावना से
अभी भावनाओं पर लिखना मुश्किल है

मैं उन सभी स्मिर्तियों को
अपने मानस पटल से विलुप्त करना चाहता हूँ
जो मुझे जवाब देती है एक दृश्टिकोण से
मुझे सिर्फ सवाल चाहिए, अनकहे,  अनसुलझे 

1 comment:

Bhabesh Mondal said...

बहुत खुब।