Sunday, September 6, 2009

एक सहर

कुत्तों के शहर में इंसान
कुछ आपके जैसे, बाकी मेरे जैसे

याद रखिये ये एक साम्यवादी कहता है
क्योंकि कुत्तों और इंसानों में सिर्फ़ उसे ही फर्क पता है
अवसरवादी और पर्यावरणविद तो दोनों में
फर्क ही नही जानते

एक बार एक इंसान की लाश को
कुत्तों के एक मशहूर ड्राईवर ने कुचल डाला
उस पर केस चला, लाश को कुचलने का
हाँ, कुत्तों के लिए इंसान तो लाश ही है ना

जज ने कहा, क्या बेटा ज्यादा पिए थे क्या
वो तो कोई नही
पर तुमने लाश को बाकी इंसानों के
खाने के लिए क्यों छोड़ दिया
डर नही लगता सड़ती इंसानों की लाशें देखने में

फिर वो कुत्ता उस लाश के बारे में सोचने लगा

की उस इंसान की अंतडियां बाहर आकर
निशाचरों को निमंत्रण दे रहे थी
वो शायद उनके डिनर का समय था

एक चीले ने धीरे से दाहिने आँख निकली और हवा में ले उडी
तभी एक बिल्ली जिसने पहले खून नही चखा था
ना जाने कहाँ से आई और पेट के ठीक नीचे से अपना
हिस्सा निकाल कर ले गई

असली काम एक नरभक्षी बन्दर ने किया,
जो भूख से बेबस हो कर कपाल को नारियल की
तरह फोड़ने लगा
और फिर जिस पर इंसान को नाज़ है
उसका वही अंग लेकर वहां खाने लगा

पर कुत्तों के समाज में भी तो तिरिष्क्रित कुत्ते
होते ही हैं
एक ऐसी ही कुतिया आई और उसने जो विभत्सता दिखाई
उसे सोच कर वो अपराधी भी दंग रह गया
उसने इंसान के दिल के टुकड़े किए
खून पिया और
और फिर आसमान की तरफ़ देख कर
अपनी ही बोली में रोने लगी

शायद कहती थी की पैगंबर
अपने बाशिंदों को भेज इस इंसान का बचा
शरीर खाने को

आख़िर कुत्तों के समाज में जहाँ
इन्सान रहते हैं
कुछ आपके जैसे, बाकी मेरे जैसे
वहां भी कुत्तो के दिल में भावनाए तो होती ही है

यही सोच कर उस जालिम ड्राईवर ने
सबके सामने कोर्ट में माफ़ी मांगी

1 comment:

crazy devil said...

Dude accha hai..par mai sare characters ko connect nahi kar paya. Kutte tak samajh raha tha...bandar aur billi kya signify kar rahe hain?

Par poem padhkar laga jaisa...ek baar mein poore thought ko ek saath udel dia jisme BHID ke liye gussa tha..aam bhid. hypocrit bhid.

Nice one