Tuesday, January 7, 2020

असहमति (Dissent)









शुरू की कुछ रिक्त पंक्तियों के साथ

एक बार, मज़ाक में, मैं एक
दोस्त की ले जाती हुई फाइल पर
चारों कोनो पर स्टेप्लर चलने लगा
सिलने लगा उसे लोहे की पिनो से

मेरा चंचल मन ऐसी हरकते करने को
हमेशा करता है
दूसरों को तंग करने मैं बहुत मजा आता है
लोग इर्रिटेट भी होते हैं

इस बार एक अजीब सा वाकया देखा
एल्वेन बीट्राइस हॉल की एक किताब थी 
द फ्रेंड्स ऑफ वोल्टेयर 
उस  किताब पर एक शख्स 
तीनो कोनो से स्टेपलर लगा रहा था 
क्योंकि एक कोना शायद पहले से सिला था
किताब अपने मूल भाव के आधार पर 
उसे ये स्वतंत्रता देती है 
की वो उस किताब को जलाये 
दरिया में फ़ेंक दे या सुपुर्दे-ए-ख़ाक करे 

पर अजीब तब हुआ 

जब उसकी देखम देख लोगो ने भी 
किताब पर स्टेपलर चलना शुरू कर दिया 
पहले कुछ लोग थे 
फिर अनुयायी 
फिर भीड़ 
और फिर जनता 

हद तो तब हो गयी 

जब लोगों ने, 
उस ना गवार लेखिका 
के  बारे में 
जान्ने वाले लोगों के, 
होठों पर भी 
स्टेप्लर चलने शुरू कर दिए